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एक पड़ाव जिंदगी के



जिंदगी के राह में चलते चलते एक ऐसा मोड़ आता है या यूं  कहें कि ऐसा दौर आता है कि
आप किसी से बात नही करना चाहते हैं,
न कोई आपसे
लोग आपको इग्नोर करने लगते हैं
आप खुद से नफरत करने लगते हैं
खुद को हेय दृष्टि से देखते हैं
खुद को कमजोर समझते हैं
खुद को अलग थलग महसूस करते हैं
आप हिम्मत हार जाते हैं
कोई भी काम हो आपको लगता है आपसे न हो पायेगा चाहे कितनी भी आसान हो या कठिन ।

                                 आपने , अब तक चाहे कितने भी मुकाम हासिल कर लिए हो( दूसरों को जैसा लगता है) आप खुश नही होते। हाँ, हमें एक जगह नही रुकना चाहिए, हमेशा आगे बढ़ने की सोचनी चाहिए। पर ,आखिर किस कीमत पर खुद को दुखी रख कर, खुद को सबसे पीछे देख कर। आप लोगों की उचाईं देख, खुद को दुखी कर आगे नही बढ़ सकते ।
आप को हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए जिंदगी के हर मोड़ पर।

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Peace of mind

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