Skip to main content

आप एक कवि हो

हर एक शख्स में एक कवि छुपा होता है, और हर एक शख्स की एक कहानी। अब, किस प्रकार के?  ये उस पर पूर्णतया निर्भर करता है कि उसकी परिस्थिति कैसी है। कोई उसे शब्दों में पिरो कर उसे कागज पे संवारता है तो कोई उसे किसी शाम ग़ज़लों के धुन पर जाम के साथ बहा देता है। तो कोई अपने दिलों दिमाग मे दफ़्न कर देता है तो कोई हर सुबह भगवान की पूजा के तरह वंदना करता है।
पर हरेक की कद्र करने की खासियत अनोखी और अनूठी होती है।

Comments

Popular posts from this blog

Peace of mind

                                                 "Peace of mind" आज फिर हम शांति की खोज में निकले, चूँकि कई दिनों से थक गया था रूम पर पड़े पड़े। सो सोचा "क्यों न आज कहीं चलें"। तो निकल पड़ा।                         आपको यह हैरानी होगी यह बात जानकर कि आखिर किस "शांति" की खोज में हम निकले थे। आपको बता दूँ की शांति भी दो तरीके की होती है या यूँ कहें की तीन। एक तो मन की शांति, जो हम कभी खोजने नही निकलते,लुप्त सा हो गया है आज के आधुनिक जीवन में। हम तो भैया दूसरी शांति में खोज में निकलते हैं,जो की आँख की शांति होती है,जो की internet के कुछ चुनिंदे website पर मिल जाते हैं(अक्सर जिसकी हम किसी से चर्चा नही करते),हालाँकि इसे तन की शांति भी कह सकते हैं,अर्थात् तीसरी।                         यह शांति किसी जंगल,शहर से कहीं दूर एकांत में नही मिलती,ये तो कहीं और मिलती है।इसके लिए तो हम लोगों को तो पहले काफी तैयारी करनी पड़ती है, गमकाऊआ साबुन से नहाना होता है,अच्छे facewash से रगड़ रगड़ के मुंह धुलना होता है, भड़कीले कपडे पहनने होते हैं, इत्र( फॉग) छिड़कना होता है,और भी कई ची

पसंद

कुछ चीज ऐसे होते हैं जिसे हम पसंद नही करते।कुछ तो लोग भी ऐसे होते हैं जिन्हे देख आप भौहें सिकोड़ लेते हो। हरेक की पसंद और नापसंद अलग अलग होती है।किसी को खेलना पसंद है,किसी को घर में भर दिन टीवी देखना, तो किसी को बस काफी के साथ किताब पढ़ना,किसी को घूमना...तो किसी को सिर्फ और सिर्फ सोना। सोना से याद आया मेरे दोस्त सन्नी को भी सोना बहुत पसंद है।नाम भले ही सन्नी हो पर सन्नी देओल के विपरीत ये शरीर से काफी पतला है।इसके जिंदगी में बस तीन ही चीज है खाना खाना और खाना।एक ही लक्ष्य है मोटा होना।खेर कई लोगों ने इसे कई शार्ट कट उपाय बताये जैसे बियर पियो मोटे हो जाओगे।पर मदिरापान को ये अपने सिद्धान्त के विपरीत मानता है।कई डॉक्टर को दिखाया पर कोई फायदा न मिलने पर अब इसे केवल दूध और केला पर ही वैश्वास रह गया है।दिन और रात मिला कमसे कम चार बार दवाई के खुराक के भांति इसका सेवन करता है।कई वर्ष हो गए पर कोई फायडा न हुआ। अब किसी ने इन्हें बताया है कि खूब सोया करो।तो सोने को इसने जिंदगी बना लिया है रात में तो सोता ही हैं,दिन में भी 5 से 6 घण्टे की नींद लेना,खाते खाते सो जाना,पढ़ते पढ़ते सो जाना,चाहे बिस्तर मि