"Peace of mind" आज फिर हम शांति की खोज में निकले, चूँकि कई दिनों से थक गया था रूम पर पड़े पड़े। सो सोचा "क्यों न आज कहीं चलें"। तो निकल पड़ा। आपको यह हैरानी होगी यह बात जानकर कि आखिर किस "शांति" की खोज में हम निकले थे। आपको बता दूँ की शांति भी दो तरीके की होती है या यूँ कहें की तीन। एक तो मन की शांति, जो हम कभी खोजने नही निकलते,लुप्त सा हो गया है आज के आधुनिक जीवन में। हम तो भैया दूसरी शांति में खोज में निकलते हैं,जो की आँख की शांति होती है,जो की internet के कुछ चुनिंदे website पर मिल जाते हैं(अक्सर जिसकी हम किसी से चर्चा नही करते),हालाँकि इसे तन की शांति भी कह सकते हैं,अर्थात् तीसरी। यह शांति किसी जंगल,शहर से कहीं दूर एकांत में नही मिलती,ये तो कहीं ...