हर एक शख्स में एक कवि छुपा होता है, और हर एक शख्स की एक कहानी। अब, किस प्रकार के? ये उस पर पूर्णतया निर्भर करता है कि उसकी परिस्थिति कैसी है। कोई उसे शब्दों में पिरो कर उसे कागज पे संवारता है तो कोई उसे किसी शाम ग़ज़लों के धुन पर जाम के साथ बहा देता है। तो कोई अपने दिलों दिमाग मे दफ़्न कर देता है तो कोई हर सुबह भगवान की पूजा के तरह वंदना करता है। पर हरेक की कद्र करने की खासियत अनोखी और अनूठी होती है।