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आप एक कवि हो

हर एक शख्स में एक कवि छुपा होता है, और हर एक शख्स की एक कहानी। अब, किस प्रकार के?  ये उस पर पूर्णतया निर्भर करता है कि उसकी परिस्थिति कैसी है। कोई उसे शब्दों में पिरो कर उसे कागज पे संवारता है तो कोई उसे किसी शाम ग़ज़लों के धुन पर जाम के साथ बहा देता है। तो कोई अपने दिलों दिमाग मे दफ़्न कर देता है तो कोई हर सुबह भगवान की पूजा के तरह वंदना करता है। पर हरेक की कद्र करने की खासियत अनोखी और अनूठी होती है।
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एक पड़ाव जिंदगी के

जिंदगी के राह में चलते चलते एक ऐसा मोड़ आता है या यूं  कहें कि ऐसा दौर आता है कि आप किसी से बात नही करना चाहते हैं, न कोई आपसे लोग आपको इग्नोर करने लगते हैं आप खुद से नफरत करने लगते हैं खुद को हेय दृष्टि से देखते हैं खुद को कमजोर समझते हैं खुद को अलग थलग महसूस करते हैं आप हिम्मत हार जाते हैं कोई भी काम हो आपको लगता है आपसे न हो पायेगा चाहे कितनी भी आसान हो या कठिन ।                                  आपने , अब तक चाहे कितने भी मुकाम हासिल कर लिए हो( दूसरों को जैसा लगता है) आप खुश नही होते। हाँ, हमें एक जगह नही रुकना चाहिए, हमेशा आगे बढ़ने की सोचनी चाहिए। पर ,आखिर किस कीमत पर खुद को दुखी रख कर, खुद को सबसे पीछे देख कर। आप लोगों की उचाईं देख, खुद को दुखी कर आगे नही बढ़ सकते । आप को हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए जिंदगी के हर मोड़ पर।

Why internet service cut off in India?

Could you imagine life without internet? What will happen if internet service is not available for a day or couple of day. Why it happens in India All answer is here. Where the world is working for best infrastructure and services. We indians are being kept abstrain from it. Here, the phrase which only works is "if I can't provide the solutions cut the resources". We don't work so that we could find best solution. So, services is banned. Why internet service cut off during examination? We have faced many issues like " Question out", mob lynching, communal violence, religion riot etc . To stop these Indian gov take this step time to time. You don't wonder! If you listen it will be banned during elementary examination too. The life become hell. We feel like our second oxygen has been cut off. We are unable to breath properly. We can't connect and make video call to our near and dear. All the social sites like Facebook, WhatsApp, YouTube, In

OUR CIVILISATION,MY CARE

                                                    OUR CIVILISATION, MY CARE From a many days i wanted to write something. there are a lot of things to talk but, on which topic it is to be this is a problem. and simply we cant choose a topic .bcoz it should be that which should be beneficial to someone, one could relate to oneself, which inspire someone, which change something inside you after reading, you feel some thing new to yourself. so it become very difficult to choose. another problem is, person should have sound knowledge on the topic on which talk is to be done. today, the topic on which I am going to address is to be appreciated in our society, a brief talk is to be done, some step is to be taken ahead. it is our responsibility. no one outsider will come and solve this out.                                   now, come to the point. my first question to myself and of course  you is that why we are forgetting our own civilization, our culture, our ancestor. yeah, it is ok t

what are you doing..yaar

There are some pains which defines us the gravity of our tolerance. and also it actually defines us. day by day human beings are becoming less tolerant whether towards nature or towards human.we tolerate a very few. we get angry very soon, we react instantly, we got happy very soon.                                                                                 No one in this world who don't uses social sites viz Facebook, WhatsApp, Instagram.it become an established part of daily life. it has become another oxygen to the people in the sense if mobile and internet people feel alive dead. even though it keeps people connected and have many great uses. there are some disadvantages. these are becoming more vulnerable. the content are not authorised and we cant rely. people who feed content, feed by keeping in mind which can be spread fast. they don't think it can lead to death, mob lynching, violates, communal riots and unrest in society. people never think about credential and

पसंद

कुछ चीज ऐसे होते हैं जिसे हम पसंद नही करते।कुछ तो लोग भी ऐसे होते हैं जिन्हे देख आप भौहें सिकोड़ लेते हो। हरेक की पसंद और नापसंद अलग अलग होती है।किसी को खेलना पसंद है,किसी को घर में भर दिन टीवी देखना, तो किसी को बस काफी के साथ किताब पढ़ना,किसी को घूमना...तो किसी को सिर्फ और सिर्फ सोना। सोना से याद आया मेरे दोस्त सन्नी को भी सोना बहुत पसंद है।नाम भले ही सन्नी हो पर सन्नी देओल के विपरीत ये शरीर से काफी पतला है।इसके जिंदगी में बस तीन ही चीज है खाना खाना और खाना।एक ही लक्ष्य है मोटा होना।खेर कई लोगों ने इसे कई शार्ट कट उपाय बताये जैसे बियर पियो मोटे हो जाओगे।पर मदिरापान को ये अपने सिद्धान्त के विपरीत मानता है।कई डॉक्टर को दिखाया पर कोई फायदा न मिलने पर अब इसे केवल दूध और केला पर ही वैश्वास रह गया है।दिन और रात मिला कमसे कम चार बार दवाई के खुराक के भांति इसका सेवन करता है।कई वर्ष हो गए पर कोई फायडा न हुआ। अब किसी ने इन्हें बताया है कि खूब सोया करो।तो सोने को इसने जिंदगी बना लिया है रात में तो सोता ही हैं,दिन में भी 5 से 6 घण्टे की नींद लेना,खाते खाते सो जाना,पढ़ते पढ़ते सो जाना,चाहे बिस्तर मि

Peace of mind

                                                 "Peace of mind" आज फिर हम शांति की खोज में निकले, चूँकि कई दिनों से थक गया था रूम पर पड़े पड़े। सो सोचा "क्यों न आज कहीं चलें"। तो निकल पड़ा।                         आपको यह हैरानी होगी यह बात जानकर कि आखिर किस "शांति" की खोज में हम निकले थे। आपको बता दूँ की शांति भी दो तरीके की होती है या यूँ कहें की तीन। एक तो मन की शांति, जो हम कभी खोजने नही निकलते,लुप्त सा हो गया है आज के आधुनिक जीवन में। हम तो भैया दूसरी शांति में खोज में निकलते हैं,जो की आँख की शांति होती है,जो की internet के कुछ चुनिंदे website पर मिल जाते हैं(अक्सर जिसकी हम किसी से चर्चा नही करते),हालाँकि इसे तन की शांति भी कह सकते हैं,अर्थात् तीसरी।                         यह शांति किसी जंगल,शहर से कहीं दूर एकांत में नही मिलती,ये तो कहीं और मिलती है।इसके लिए तो हम लोगों को तो पहले काफी तैयारी करनी पड़ती है, गमकाऊआ साबुन से नहाना होता है,अच्छे facewash से रगड़ रगड़ के मुंह धुलना होता है, भड़कीले कपडे पहनने होते हैं, इत्र( फॉग) छिड़कना होता है,और भी कई ची